शिव चालीसा लिरिक्स इन हिंदी टेक्स्ट-shiv chalisa lyrics

 शिव सेंटिया लिरिक्स इन हिंदी टेक्स्ट- घर में सुख शांति और धनप्राप्ति के लिए भोलेनाथ चालीस, शिव सेंटिया का पाठ किया जाता है आज के जमाने में डिजिटल पर दुनिया चलती है शिव सेंटिया हिंदी में लिरिक्स किताबो में होता है पर नोटिस मोबाइल फोन में शिव चालीसा मिल जाए तो किसी भी प्रकार की पुस्तक की आवश्यकता नहीं है।


शिव चालीसा गीत हिंदी में और अंग्रेजी में। शिव चालीसा पढ़ना है Lyrics, शिव आरती हिंदी मे,

 शिव सेंटिया लिरिक्स इन हिंदी टेक्स्ट के रूप में पेश कर रहे हैं शुभ उठ कर शिव भगवान का सेंटिया का पाठ करके अपने घर में सुख और शांति का प्रवेश कर सकते हैं, शिव सेंटिया के फायदे आपको इसका अंदाजा है।

शिव चालीस लिरिक्स हिंदी और अंग्रेजी में भी चालीस शिव का पाठ कर सकते हैं कुछ लोग चालीसा को अंग्रेजी में पढ़कर पसंद करते हैं उनकी शिव चालीसा अंग्रेजी भी नीचे जाकर शिव चालीसा को अंग्रेजी पढ़ सकते हैं।

भगवान शिव चालीसा हिंदी में शिव चालीसा को बहुत से लोग पसंद करते हैं ग्लोबली इंग्लिश नहीं दिखाई देती है और ग्लोबल इंग्लिश आती है वे इंग्लिश में शिव चालीस चालीस पंसद पढ़ते हैं।

shiv chalisa lyrics in hindi text


शिव सेंटिना लिरिक्स इन हिंदी टेक्स्ट

श्री गणेश गिरिजा सुवन मंगल मूल सुजान

कहत अयोध्यादास तुम देहु अभय वरदान।


जय गिरिजा पति दीन दयाला

सदा करत सन्त प्रतिपाला।


भाल चन्द्रमा सोहत नीके 

कानन कुण्डल नागफनी के.


अंग गौर शिर गंग बहाये

मुण्डमाल तन छारें।


गारमेंट्स खाल टाइगर सोहे 

इमेज को देख नाग मुनि मोहे .


मैना मातु की ह्वै दुलारी 

बाम अंग सोहत छवि नई ।

 

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी 

करत सदा विनाशन क्षयकारी ।


नंदी गणेश सोहैं तह कैसे 

सागर मध्य कमल जैसे होते हैं।


कार्तिक श्याम और गणराउ 

या छवि को कहि जात न काऊ .


देवन जबहीं जाय पुकारा 

तब ही दुख प्रभु आप निवारा .


किया उपद्रव तारक भारी 

देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी .


तुरत षडानन आप पठायउ 

लवनिमेष महँ मारि गिरायउ .


आप जलंधर असुर संहारा

सुयश तुम्हार विदित संसारा .


त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई 

सबहिं कृपा कर लीन बचाई .


किया तपहिं भागीरथ भारी 

पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी .


दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं 

सेवक स्तुति करत सदाहीं .


वेद नाम महिमा तव गाई 

अकथ अनादि भेद नहिं पाई .


प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला 

जरे सुरासुर भये विहाला .


कीन्ह दया तहँ करी सहाई 

नीलकण्ठ तब नाम कहाई .


पूजन रामचंद्र जब कीन्हा 

जीत के लंक विभीषण दीन्हा .


सहस कमल में हो रहे धारी 

कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी .


एक कमल प्रभु राखेउ जोई 

कमल नयन पूजन चहं सोई .


कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर 

भये प्रसन्न दिए इच्छित वर .


जय जय जय अनंत अविनाशी 

करत कृपा सब के घटवासी .


दुष्ट सकल नित मोहि सतावै 

भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै .


त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो 

यहि अवसर मोहि आन उबारो .


लै त्रिशूल शत्रुन को मारो

संकट से मोहि आन उबारो .


मातु पिता भ्राता सब कोई

संकट में पूछत नहिं कोई .


स्वामी एक है आस तुम्हारी

आय हरहु अब संकट भारी .


धन निर्धन को देत सदाहीं

जो कोई जांचे वो फल पाहीं .


अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी

क्षमहु नाथ अब चूक हमारी .


शंकर हो संकट के नाशन

मंगल कारण विघ्न विनाशन .


योगी यति मुनि ध्यान लगावैं

नारद शारद शीश नवावैं .


नमो नमो जय नमो शिवाय

सुर ब्रह्मादिक पार न पाय .


जो यह पाठ करे मन लाई

ता पार होत है शम्भु सहाई .


ॠनिया जो कोई हो अधिकारी

पाठ करे सो पावन हारी .


पुत्र हीन कर इच्छा कोई 

निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई .


पण्डित त्रयोदशी को लावे

ध्यान पूर्वक होम करावे .


त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा

तन नहीं ताके रहे कलेशा .


धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे

शंकर सम्मुख पाठ सुनावे .


जन्म जन्म के पाप नसावे

अन्तवास शिवपुर में पावे .


कहे अयोध्या आस तुम्हारी

जानि सकल दुःख हरहु हमारी.



नित्त नेम कर प्रातः ही पाठ करौं चालीसा

तुम मेरी मनोकामना.पूर्ण करो जगदीश .


मगसर छठि हेमन्त ॠतु संवत चौसठ जान 

अस्तुति चालीसा शिवहि  पूर्ण कीन कल्याण


shiv chalisa lyrics in english


shree ganesh girija suven mangal mool sujan

kahat ayodhya dash tum dehu abhay vardaan

jay girija pati din dyala sada karat santan partipala

bhaal chandrama sohat nike kanan kundal naagphani ke

aung gour shir gang bahaye mundmaal tan   
chhar lagae

vstar khal baghmbar sohe chhavi ko dekh naagmuni mohe

maina matu ki hai dulari  baam aung  sohat chhavi nayari

kar trishool sohat chhavi  bhari karst sada satrun shaykari

nandi ganesh sohe tah kaise  sagar madhay kamal hai jaise

kartik shayam  aur ganrau  ya chhavi ko kahi jaat na kau

devan jabhin jaay pukara  tab hi dukh parbhu aap nivara 

kiya updarv tark bhari  devan sab milhi tumhi juhari

turat sdanan aap pathhayu lavnimesh mah maari  girayu

aap jalndhar asur sanhara suyash tumhar vidit sansara

tripurasur san yudh machai  sabnhi kirpa kar leen bachai

kiya tapahi bhagirath bhari purab partigya tasu purari

danon mah tum sum kou nahi sevak stuti karat dadaji

ved naam  mahima tav gahi sath anadi bhed nahi pai

parvat buddhi manthan me jwala jare surasur bhahe vihala 

kinh daya tah kari sahai nilakanth tab naam kahai 

pujan ram chander jab kinha jit ke lank vibhisan sinha 

sahas kamal me ho rahe dhari kinh pariksha tabhi purari 

ak kamal parbhu rakheu joi kamal nayan pujan chanh soi 

kathhin bhakti dekhi parbhu shankar bhaye   parsan diye exhibit war

jay jay anant avinashi kart kirpa sab ke ghatvashi 

dust sakal nit mohi satave bharmat rahe mohi chain na aave

trahi trahi me nath pukaro yahi avsar mohi aan ubaro

le trishool  satroon ko maro sankat se mohi aan ubaro

matu pita btata sab koi sankat me puchhat  nahi koi

swami ak hai aash tumhari aay harhu ab sankat bhari

dhan nirdhan ko det sadahi jo koi janche vo phal pai

astuti kehi vidhi karo tumhari samhu nath ab chuk hamari

 sankar ho sankat ke basen mangal karn vighan vinasan

yogi yati muni dhyan lagave narad sarad shish nvave

namo namo jay namo sivay sur bramhadik par na pay

 jo yah pathh kare man lai ta par hot hai sambbu sahai 

riniya jo koi ho adhikari  pathh kare so pawan hari

putar hin kar ichha koi nisary shiv parsad tehi hoi

pandit sryodasi ko lave dhyan purvak hom marave

sryodasi wart kare hamesha tan nahi take rahe kalesa

dhup dip newedh chadhawe sankar samukh pathh sunawe

janm janm ke paap nasawe antwash shivpur me pawe

kahe ayodhya aash tumhari jani sakal dukh harhu hamari

nit nem kar pratya hi pathh karo chalisa tum meri manokamana purn karo jagdish 

magsar chathhi hemat ritu sanwat chousathh jaan astuti chalisa shivhi puran keen kalyan

शिव चालीसा लिरिक्स पढ़ने के फायदे

शिव चालीसा का हिन्दू धर्म मे खास महत्व है शिव का पाठ पड़ने के बहुत फायदे है इसमें कुछ का विचार सांझा करते है वैसे तो शिव चालीसा का पाठ हर रोज करना बेहद खास है अगर सावन के महीने का सोमवार बेहद खास है इस महीने के सोमवार को कभी चूकना नही चाहिए

शिव चालीसा पाठ करने से मन शूद होता है घर से नकारात्मक ऊर्जा घर बाहर निकलती है धन की प्राप्ति होती है मन की इच्छा पूरी होती है दुख कभी नही आता सुख की प्राप्ति होती है घर मे सुधि होती है

अंतिम शब्द

शिव चालीसा लिरिक्स इन हिंदी टेक्स्ट में पढ़ना बिल्कुल आसान है हिंदी भाषा हर किसी को आती है सुबह उठकर स्नान करके शिव चालीसा का पाठ करे और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करें.

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2 टिप्‍पणियां:

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